हृदय जगाता काव्य जो,उसका कविता नाम।
मन में जागें संवेदनाएं,
उस का कविता नाम।
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रस, छंद और भाव विभाव,
जब उपजें बनती है कविता,
दर्द के साथ जुड़ जाएं जब,
तो खुद ही बनती है कविता।
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खुशी, हंसी या गम के आँसू आयें,
तो बन जाती है कविता,
किसी के लिए प्रेम जागे जब,
मन में लिखती है कविता।
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अश्कों से भर जाए जब हृदय,
तब भी बनती है कविता।
उन अश्कों को पौछने वाला,
लिखता है बरबस कविता।
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बर्फ, पहाड़ और चोटियों को देखा,
तो बन गई कविता,
जिसने उनके चित्र बनाए,
वह भी तो है इक कविता।
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जागे हुए हृदय से जो भी देखे,
लिख सकता है वह कविता।
किसी दूसरे की भावना को,
महसूसा है वह कविता।
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शोभा शर्मा , छतरपुर म.प्र.से,
Shashank मणि Yadava 'सनम'
05-Sep-2023 07:38 AM
सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति
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Milind salve
04-Sep-2023 06:22 PM
Nice 👍🏼
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Reena yadav
04-Sep-2023 04:16 PM
👍👍
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